Home Remedies for Leucorrhoea in Hindi | ल्यूकोरिया के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज

ल्यूकोरिया को सफेद पानी या श्वेत प्रदर या फिर वाइट डिस्चार्ज (White Discharge Symptoms Natural Treatment) भी कहते हैं. यह फीमेल में होने वाली एक आम बीमारी है. इसमें वेजाइना से सफेद रंग का गाढ़ा और दुर्गंधयुक्त पानी निकलता है. इंफेक्शन बढ़ने पर स्राव पीले, हल्के नीले या हल्के लाल रंग का, और बहुत चिपचिपा एवं बदबूदार होता है. ये किसी बड़ी बिमारी जैसे किसी गर्भाशय से संबंधित रोग का लक्षण भी हो सकता है. 

महिलाओं को होनी वाली समस्याओं में से एक है. श्र्वेत प्रदर या सफ़ेद पानी महिलाओं की योनि मार्ग से निकलना ही ल्यूकोरिया कहलाता हैं. ल्यूकोरिया (Leucorrh0ea) को कुछ लोग लिकोरिया (Likoria) नाम से भी पुकारते हैं | किसी भी तरह का इन्फेक्शन हो जाने पर स्राव पीले, हल्के नीले या फिर लाल रंग का और चिपचिपा एवं बदबूदार होता है. ल्यूकोरिया अक्सर महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या बनती जा रही है. जब यह बीमारी किसी महिला को होती है तो वह  ल्यूकोरिया के बारे में किसी को भी नही बताती और फिर यह ल्यूकोरिया एक बहुत बड़ी बीमारी का रूप ले लेता है. ल्यूकोरिया को हम श्र्वेत प्रदर या फिर सफ़ेद पानी की समस्या भी कहते हैं. ल्यूकोरिया के दौरान महिलाओं को हाथ – पैरों में दर्द, कमर में दर्द, पिंडलियों में खिंचाव, शरीर भारी रहना, अदि समस्याएं महसूस होती हैं साथ ही इससे शरीर कमजोर होता जाता है और कमजोरी के कारण सफ़ेद पानी की समस्या और भी ज्यादा बढ़ती जाती है. ल्यूकोरिया ईलाज के कई सारे घरेलू उपाय हैं जिसके द्वारा हम ल्यूकोरिया को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं. तो आइये जानते है ल्यूकोरिया को ख़त्म करने के घरेलु उपाय –

ल्यूकोरिया के लक्षण

ल्यूकोरिाय (श्वेत प्रदर) क्या है? (What is Leucorrhoea in Hindi?)

ल्यूकोरिया क्या होता है : ल्यूकोरिया को सामान्य भाषा में सफेद पानी या श्वेत प्रदर भी कहा जाता है। यह स्त्रियों में होने वाली एक आम बीमारी है। इसमें योनि से सफेद रंग का गाढ़ा और दुर्गन्धयुक्त पानी निकलता है। किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर स्राव पीले, हल्के नीले या हल्के लाल रंग का, और बहुत चिपचिपा एवं बदबूदार होता है। यह किसी योनि या गर्भाशय से संबंधित रोग का लक्षण भी हो सकता है। ल्यूकोरिया का उपचार ना करने पर महिला का स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। अलग-अलग महिलाओं में स्राव की मात्रा एवं समयावधि अलग-अलग होती है। इसके कारण प्रजनन अंगों में सूजन आ जाती है।

ल्यूकोरिया दो प्रकार के होते हैं | Types Of Leucorrhea

  1. स्वभाविक ल्यूकोरिया

मासिक चक्र के दौरान योनि से पानी जैसा बहने वाला दुर्गन्धरहित चिपचिपा, पतला और सामान्य माना जाता है। महिलाओं में अण्डोत्सर्ग के दौरान यह स्राव बढ़ जाता है। यह स्त्री के शरीर की सामान्य प्रक्रिया है। इसमें किसी उपचार की जरूरत नहीं होती है। केवल उचित आहार-विहार का पालन करना चाहिए।

  • अस्वभाविक ल्यूकोरिया

ऐसा बैक्टेरियल इन्फेक्शन होने पर देखा जाता है। स्राव का रंग असामान्य गाढ़ापन लिए हुए एवं दुर्गन्धयुक्त होता है। यह Yeast Infection भी हो सकता है।

ल्यूकोरिया के लक्षण (Leucorrhoea Symptoms in Hindi)

लिकोरिया क्यों होता है : ल्यूकोरिया की सामान्य पहचान इन लक्षणों से की जा सकती हैः-

  • योनिमार्ग में तीव्र खुजली एवं चुनचुनाहट होना।
  • कमर में दर्द बना रहना।
  • कमजोरी महसूस होना एवं चक्कर आना।
  • बार-बार पेशाब आना और पेट में भारीपन बना रहना।
  • भूख ना लगना एवं जी मिचलाना।
  • आखों के नीचे काले घेरों का पड़ना।
  • थोड़ा-सा मेहनत करने पर भी आंखों के सामने अंधेरा छा जाना एवं कभी-कभी चक्कर आना।
  • पिंडलियों में खिंचाव एवं शरीर भारी रहना।
  • चिड़चिड़ापन रहना।

ल्यूकोरिया के कारण (Leucorrhoea Causes in Hindi)

मासिक धर्म में पहले या बाद में थोड़ी मात्रा में सफेद पानी बहना सामान्य बात है, लेकिन अधिक मात्रा में, नियमित रूप से पीला या नीलापन लिए स्राव आने लगे तो ये कारण हो सकते हैंः-

  • अविवाहित महिलाओं में यह पोषण की कमी, योनि की अस्वच्छता, खून की कमी और तला हुए तेज मसालेदार भोजन करने से होता है।
  • योनि में ‘ट्रिकोमोन्स वेगिनेल्स’ नामक बैक्टीरिया के कारण ल्यूकोरिया होता है।
  • बार-बार गर्भपात होना या कराना।
  • डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं की योनि में फंगल यीस्ट नामक संक्रामक रोग के कारण ल्यूकोरिया होता है।
  • असामान्य यौन सम्बन्धों से होने वाले संक्रमण के कारण।
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होने के कारण।
  • तनाव एवं अत्यधिक मेहनत करने के कारण।
  • कॉपर-टी लगा हुआ होने पर।

ल्यूकोरिया के घरेलु उपचार | Leucorrhea Ka Gharelu Upchar in hindi

  • एक छोटे से आंवले में चमत्कारी गुण होने के साथ ही साथ ये हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन सी और विटामिन ए, बी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पाए जाते हैं. आंवला को सबसे पहले धूप में सुखा लें, फिर अच्छी तरह से बारीक़ पीसकर चूर्ण तैयार कर लें और फिर रोज उस चूर्ण को एक महीने तक एक – एक चम्मच सुबह शाम लेने से आपकी ल्यूकोरिया की समस्या हमेशा के लिए नष्ट हो जयेगी.
  • मेथी दाना हमारी रोग – प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. साथ ही मेथी के बीजों से सफ़ेद पानी की समस्या को भी दूर किया जा सकता है. एक चम्मच मेथी दानो को रात भर के लिए पानी में भिगो दें. फिर सुबह पानी को छानकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर खली पेट पी लें. ऐसा करने से आपको ल्यूकोरिया की बीमारी से निजात मिलेगी.
  • अनार हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद फल होता है. इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं.  अनार के दानो के साथ अनार के पत्ते और छाल भी कई बीमारियों को दूर करने में मददगार होते हैं.  ल्यूकोरिया की समस्या को दूर करने के लिए रोज सुबह अनार का ताजा जूस पिए, 30 अनार की पत्तियों में 10 काली मिर्च लेकर पीस लें, अब इस पेस्ट को एक गिलास पानी में मिलाकर पियें. नियमित ऐसा करने से आपको इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जायेगा.
  • अमरुद हमारी अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं को सही करने में सहायता करता है. अमरुद के नियमित सेवन से पेट की समसया नहीं होती है व पेट साफ रहता है और आपको बता दें कि अमरुद के पत्ते भी बहुत फायदेमंद होते हैं. जिन महिलाओं को ल्यूकोरिया की बीमारी हो उसके लिए ये बहुत मददगार होता है. अमरुद की कुछ ताजा पत्तियों को एक लीटर पानी में तब तक उबाले जब तक पानी आधा न हो जाये, फिर ठंडा हो जाने पर इसे पियें. ल्यूकोरिया की समस्या कुछ ही दिनों में ख़त्म हो जायगी.
  • 10 ग्राम सूखे धानिया के बीजों को 100 मिली लीटर पानी में रात भर के लिए भिगों दें. सुबह इस पानी को खाली पेट पी लें. खाली पेट इसे पीने से आपके पेट के सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जायगें और शरीर भी स्वस्थ रहेगा साथ ही ल्यूकोरिया की समस्या से भी आपको निजात मिलेगा.         
  • नीम के पेड़ की छाल को बारीक़ पीसकर पाउडर बना लें. पाउडर में शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें. ऐसा करने से आपकी सफ़ेद पानी की बीमारी दूर हो जायगी.

ल्यूकोरिया में आपका खान-पान (Your Diet for Leucorrhoea Disease)

ल्यूकोरिया में परहेज : इसमें खान- पान का विशेष ध्यान रखें. अधिक नमक एवं मसालेदार भोजन का सेवनन करें. जंक फूड एवं बासी भोजन बिल्कुल न खाएं. फल एवं रेशेदार सब्जियों को अधिक से अधिक अपने आहार में शामिल करें. पौष्टिक भोजन लें.

ल्यूकोरिया रोग में लाइफस्टाइल (Your Lifestyle for Leucorrhoea Disease)

  • शरीर को साफ रखें। योनिमार्ग को अच्छी प्रकार से पानी से साफ करें.
  • अंडरगार्मेंट (अंतवस्त्र) सूती कपड़ों को पहने। दिन में दो बार इन्हें बदलें.
  • गर्भपात के लिए अधिक दवाइयों का सेवन ना करें.मासिक धर्म के समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. हर 4-6 घण्टे में पैड बदलते रहें.स्टरलाइज पैड्स का इस्तेमाल करें.

ल्यूकोरिया की बीमारी में डॉक्टर से कब सम्पर्क करें (When to Contact with Doctor in Leucorrhea?)

यदि योनि से लंबे समय तक स्राव होता रहे, तथा बहुत अधिक खुजलाहट एवं जलन होती हो.स्राव का रंग पीला, हल्का लाल या हल्का नीला हो.
अधिक चिपचिपा एवं दुर्गन्धयुक्त हो तो यह इन्फेक्शन को दर्शाता है. ऐसे में महिला में कमजोरी एवं अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. 

लिकोरिया रोग कैसे होता है?

ल्यूकोरिया को सामान्य भाषा में सफेद पानी या श्वेत प्रदर भी कहा जाता है। यह स्त्रियों में होने वाली एक आम बीमारी है। इसमें योनि से सफेद रंग का गाढ़ा और दुर्गन्धयुक्त पानी निकलता है। किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर स्राव पीले, हल्के नीले या हल्के लाल रंग का, और बहुत चिपचिपा एवं बदबूदार होता है

लिकोरिया से क्या क्या परेशानी होती है?

ल्यूकोरिया महिलाओं के लिए अन्य परेशानियों की वजह भी बन जाता है. इसके कारण कई बार प्रजनन अंगों में सूजन आ जाती है. इसके कारण महिलाओं में शारीरिक दुर्बलता, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, उत्साह की कमी, तनाव और मूड स्विंग जैसे लक्षण भी पैदा होने लगते हैं

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